Shri Annapurna Devi Stotra
स्तोत्र

Shri Annapurna Devi Stotra : श्री अन्नपूर्णा माता स्तोत्र

श्री अन्नपूर्णा माता स्तोत्र : Shri Annapurna Devi Stotra श्री अन्नपूर्णा माता स्तोत्र || श्री अन्नपूर्णा स्तोत्रम् ||​ नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी | निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी | | प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी | भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी || 1 || नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी | मुक्ताहारविलम्बमान विलसत् वक्षोजकुम्भान्तरी | | काश्मीरागरुवासिता रुचिकरी काशीपुराधीश्वरी | भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी || 2 || […]

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Shree Gayatri Sahastrnam Stotr : श्री गायत्री सहस्रनाम स्तोत्रम्

Shree Gayatri Sahastrnam Stotr : श्री गायत्री सहस्रनाम स्तोत्रम् नारद उवाच – भगवन्सर्वधर्मज्ञ सर्वशास्त्रविशारद । श्रुतिस्मृतिपुराणानां रहस्यं त्वन्मुखाच्छ्रुतम् ॥ १ ॥ सर्वपापहरं देव येन विद्या प्रवर्तते । केन वा ब्रह्मविज्ञानं किं नु वा मोक्षसाधनम् ॥ २ ॥ ब्राह्मणानां गतिः केन केन वा मृत्यु नाशनम् । ऐहिकामुष्मिकफलं केन वा पद्मलोचन ॥ ३ ॥ वक्तुमर्हस्यशेषेण सर्वे निखिलमादितः

Ram
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Ram Raksha Stotra : श्री राम रक्षा स्तोत्र

Ram Raksha Stotra : श्री राम रक्षा स्तोत्र संस्कृत भाषेमध्ये अनुस्वाराचा उच्चार हा त्याच्या पुढच्या अक्षरावर अवलंबून असतो. अनुस्वाराच्या पुढचे अक्षर कोणते आहे, यावरून अनुस्वाराचा उच्चार ङ्, ञ्, ण्, न्, म् आदी होतो. अनुस्वाराचा योग्य उच्चार समजावा, यासाठी या स्तोत्रामध्ये अनुस्वाराएेवजी शक्य तेथे त्याच्या उच्चारासाठी येणारे अक्षर लिहिले आहे. श्रीगणेशाय नमः ॥ अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्र-मन्त्रस्य ।

स्तोत्र

श्री विष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्रम : Vishnu sahstrnam Stotre

श्री विष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्रम : Vishnu sahstrnam Stotre ॐ श्री परमात्मने नमः । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । अथ श्रीविष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्रम यस्य स्मरणमात्रेन जन्मसंसारबन्धनात्‌ । विमुच्यते नमस्तमै विष्णवे प्रभविष्णवे ॥ नमः समस्तभूतानां आदिभूताय भूभृते । अनेकरुपरुपाय विष्णवे प्रभविष्णवे ॥ वैशम्पायन उवाच श्रुत्वा धर्मानशेषेण पावनानि च सर्वशः । युधिष्टिरः शान्तनवं पुनरेवाभ्यभाषत ।१। युधिष्टिर उवाच किमेकं दैवतं लोके

स्तोत्र

एकात्मता स्त्रोत्र | Ekatma Stotra

एकात्मता स्त्रोत्र | Ekatma Stotra एकात्मता स्त्रोत्र ॐ सच्चिदानन्दरूपाय नमोस्तु परमात्मने ज्योतिर्मयस्वरूपाय विश्वमाङ्गल्यमूर्तये || १ || प्रकृतिः पञ्चभूतानि ग्रहा लोकाः स्वरास्तथा दिशः कालश्च सर्वेषां सदा कुर्वन्तु मङ्गलम्।। २।। Ekatma Stotraरत्नाकराधौतपदां हिमालयकिरीटिनीम् Ekatma Stotra ब्रह्मराजर्षिरत्नाढ्यां वन्दे भारतमातरम् || 3 || महेन्द्रो मलयः सह्यो देवतात्मा हिमालयः ध्येयो रैवतको विन्ध्यो गिरिश्चारावलिस्तथा || ४ || गङ्गा सरस्वती सिन्धुर्ब्रह्मपुत्रश्च गण्डकी

आरत्या, मंत्र, स्तोत्र

नागदेवता आरती , श्लोक, स्तोत्र ,प्रार्थना | Nagdev Aarti, Shlok

नागदेवता आरती , श्लोक, स्तोत्र ,प्रार्थना | Nagdev Aarti Shlok Stotar Prarthana नागदेवता आरती , श्लोक, स्तोत्र , प्रार्थना नागदेवता आरती ॐ जय नागराजा, स्वामी जय नागराजा।मंगल तेरा नाम है, सदा मंगलदाता।।ॐ जय नागराजा, स्वामी जय नागराजा। पुत्र दरिद्र रहत जन तुझे जो ध्यावै।हरन मनोवांछित फल, सकल सुख पावै।।ॐ जय नागराजा, स्वामी जय नागराजा। शेष

Mahishasurmardini Stotr
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महिषासुरमर्दिनी स्तोत्रम् | Mahishasurmardini Stotr

महिषासुरमर्दिनी स्तोत्रम् | Mahishasurmardini Stotr अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्द नुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि शक्ति रूपेना जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥१॥ सुरवर वर्षिणि दुर्धर धर्षिणि दुर्मुख मर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिष मोषिणि घोषरते। दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥२॥ अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब

Shravan Somvar Pooja Shlok
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श्रावण सोमवार पूजेचे श्लोक मराठी अर्थांसह | Shravan Somvar Pooja Shlok 0

श्रावण सोमवार पूजेचे श्लोक मराठी अर्थांसह Shravan Somvar Pooja Shlok 1. Shiva Dhyanam: ध्यानमूलं गुरोर्मूर्तिः पूजामूलं गुरोः पदम्।मंत्रमूलं गुरोर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरोः कृपा॥ Transliteration: Dhyanamoolam Gurormoortih Poojamoolam Guroh Padam,Mantramoolam Gurorvakyam Mokshamoolam Guroh Kripa. Meaning: ध्यानाची मुळं गुरूंची मूर्ती आहे, पूजेची मुळं गुरूंचे पाय आहेत.मंत्राची मुळं गुरूंचे शब्द आहेत, मोक्षाची मुळं गुरूंची कृपा आहे. Shravan Somvar Pooja

Parshuram
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भगवान परशुराम स्तोत्र | Parshuram Stotram

भगवान परशुराम स्तोत्र | Parshuram Stotram कराभ्यां परशुं चापं दधानं रेणुकात्मजं । जामदग्न्यं भजे रामं भार्गवं क्षत्रियान्तकं ॥१॥ नमामि भार्गवं रामं रेणुका चित्तनन्दनं । मोचितंबार्तिमुत्पातनाशनं क्षत्रनाशनम् ॥२॥ भयार्तस्वजनत्राणतत्परं धर्मतत्परम् । गतगर्वप्रियं शूरं जमदग्निसुतं मतम् ॥३॥ वशीकृतमहादेवं दृप्त भूप कुलान्तकम् । तेजस्विनं कार्तवीर्यनाशनं भवनाशनम् ॥४॥ परशुं दक्षिणे हस्ते वामे च दधतं धनुः । रम्यं भृगुकुलोत्तंसं घनश्यामं

Shiv Panchakshara
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Shiv Panchakshara Stotram | शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् 5

Shiv Panchakshara Stotram | शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् 5 शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् – श्लोक १: नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय॥ Hindi Meaning: नागराज को हार के रूप में धारण करने वाले, तीन नेत्रों वाले, भस्म को शरीर पर मलने वाले, महेश्वर, नित्य, शुद्ध, दिगम्बर (जो दिशाओं को वस्त्र के रूप

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