SRIMAD BHAGAVAD GITA
श्रीमद् भागवत गीता श्लोक

SRIMAD BHAGAVAD GITA | श्रीमद्भगवद्गीता संस्कृत श्लोक | Hindi-English(द्वितीयोऽध्याय)1-10

SRIMAD BHAGAVAD GITA | श्रीमद्भगवद्गीता संस्कृत श्लोक | Hindi-English(द्वितीयोऽध्याय)1-10 प्रसंग – भगवान् श्रीकृष्ण ने अर्जुन से क्या बात कही और किस प्रकार उसे युद्ध के लिये पुनः तैयार किया; यह सब बतलाने की आवश्यकता होने पर सञ्जय अर्जुन की स्थितिका वर्णन करते हुए दूसरे अध्याय का आरम्भ करते हैं一 प्रसंग – भगवान् के इस प्रकार कहने पर […]

srimad bhagavad gita
श्रीमद् भागवत गीता श्लोक

SRIMAD BHAGAVAD GITA | श्रीमद्भगवद्गीता संस्कृत श्लोक | Hindi-English | 31-44

SRIMAD BHAGAVAD GITA | श्रीमद्भगवद्गीता संस्कृत श्लोक | Hindi-English प्रसंग – अपनी विषादयुक्त स्थितिका वर्णन करके अब अर्जुन अपने विचारों के अनुसार युद्ध का अनौचित्य सिद्ध करते हैं-(srimad bhagavad gita Shlok) निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव । न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमाहवे ।। ३१ ।। हे केशव ! मैं लक्षणों को भी विपरीत ही देख

Sanskrit Shlok
श्रीमद् भागवत गीता श्लोक

Sanskrit Shlok श्रीमद्भगवद्गीता संस्कृत श्लोक / Hindi-English 2024

Sanskrit Shlok श्रीमद्भगवद्गीता संस्कृत श्लोक / Hindi-English अनन्तविजयं राजा कुन्ती पुत्रो युधिष्ठिरः । नकुलः सहदेवश्च सुघोषमणिपुष्पकौ ।। १६ ।। कुन्ती पुत्र राजा युधिष्ठिर ने अनन्त विजय नामक और नकुल तथा सहदेव ने सुघोष और मणिपुष्पक नामक शंख बजाये ।। १६ ।। King Yudhisthira, son of Kunti, blew his conch Anantavijaya; while Nakula and Sahadeva blew

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श्रीमद् भागवत गीता श्लोक

Sanskrit Shlok श्रीमद्भगवद्गीता संस्कृत श्लोक 2024

Sanskrit Shlok श्रीमद्भगवद्गीता संस्कृत श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता संस्कृत श्लोक 1 धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः । मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय ।।१।। धृतराष्ट्र बोले- हे सञ्जय ! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित, युद्ध की इच्छा वाले मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया ? ।। १ ।। प्रसंग – धृतराष्ट्र के पूछने पर सञ्जय कहते हैं- (Sanskrit Shlok)

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