आरत्या

श्री हनुमान चालीसा : Shree Hanuman Chalisa

श्री हनुमान चालीसा : Shree Hanuman Chalisa श्री हनुमान चालीसा श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि| बरनऊं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि| बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमार| बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार जय हनुमान ज्ञान गुन सागर| जय कपीस तिहुं लोक उजागर| रामदूत अतुलित बल धामा| अंजनि […]

dashavatar Aarti
आरत्या

दशावतार आरती : dashavatar Aarti

दशावतार आरती : dashavatar Aarti दशावतार आरती आरती सप्रेम जय जय विठ्ठल परब्रह्म भक्तसंकटीं नाना स्वरूपीं स्थापिसी स्वधर्म ।। धृ ।। अंबऋषीकारण गर्भवास सोशीसीवेद नेले चोरूनी ब्रह्मा आणुनियां देसी ।। मत्स्यरूपी नारायण सप्तही सागर धुंडीसी । हस्त लागतां शंखासुरा तुझा वर देसी ॥ १ ॥ रसातळाशीं जातां पृथ्वी पाठीवर घेसी परोपकारासाठी देवा कांसव झालासी ।।

Satynarayn Aarti
आरत्या

सत्यनारायण आरती Satynarayn Aarti

सत्यनारायण आरती Satynarayn Aarti सत्यनारायण आरती जय जय दीनदयाळ सत्यनारायण देवा । पंचारति ओवाळू श्रीपति तुज भक्तिभावा ।। धृ ।। विधियुक्त पूजुनी करिती पुराण श्रवण परिमळद्रव्यांसहित पुष्पमाळा अर्पून ।। घृतयुक्त शर्करामिश्रित गोधूमचूर्ण प्रसाद भक्षण करितां प्रसन्न तूं नारायण ॥ जय ॥ १ ॥ शतानंद विप्रें पूर्वी व्रत है आचरिलें । दरिद्र दवडुनि अंर्ती त्यातें मोक्षपदा

आरत्या

श्री संतोषीमातेची आरती Santoshi Mata Aarti

श्री संतोषीमातेची आरती Santoshi Mata Aarti श्री संतोषीमातेची आरती जय देवी श्री देवी संतोषी माते । वंदन भावें माझें तव पदकमलातें ॥ धृ ॥ श्रीलक्ष्मीदेवी तूं श्रीविष्णूपत्नी पावसी भक्तालागी अति सोप्या यत्नीं ।। जननी विश्वाची तूं जीवन चिच्छक्ती शरण तुला मी आलों नुरवी आपत्ती ।। १ ।। भृगुवारी श्रद्धेनें उपास तव करिती । आंबट कोणी

Panchmukhi Gaytridevi Aarti
आरत्या

पंचमुखी श्री गायत्री देवी आरती Panchmukhi Gaytridevi Aarti

पंचमुखी श्रीगायत्रीदेवी आरती Panchmukhi Gaytridevi Aarti पंचमुखी श्रीगायत्रीदेवी आरती आरती श्री गायत्रीजी की ज्ञानद्वीप और श्रद्धा की बाती। सो भक्ति ही पूर्ति करै जहं घी को।। आरती… मानस की शुची थाल के ऊपर। देवी की ज्योत जगैं जह नीकी।। आरती… शुद्ध मनोरथ ते जहां घण्टा। बाजै करै आसुह ही की।। आरती… जाके समक्ष हमें तिहुं

आरत्या, मंत्र, स्तोत्र

नागदेवता आरती , श्लोक, स्तोत्र ,प्रार्थना | Nagdev Aarti, Shlok

नागदेवता आरती , श्लोक, स्तोत्र ,प्रार्थना | Nagdev Aarti Shlok Stotar Prarthana नागदेवता आरती , श्लोक, स्तोत्र , प्रार्थना नागदेवता आरती ॐ जय नागराजा, स्वामी जय नागराजा।मंगल तेरा नाम है, सदा मंगलदाता।।ॐ जय नागराजा, स्वामी जय नागराजा। पुत्र दरिद्र रहत जन तुझे जो ध्यावै।हरन मनोवांछित फल, सकल सुख पावै।।ॐ जय नागराजा, स्वामी जय नागराजा। शेष

आरत्या

महालक्ष्मीची आरती | Shree Mahalakshmi Aarti

महालक्ष्मीची आरती | Shree Mahalakshmi Aarti जयदेवी जयदेवी जय लक्ष्मीमाता । प्रसन्न होऊनिया वर देई आता ॥ धृ ।। विष्णुप्रिये तुझी सर्वांतरी सत्ता । धन दौलत देई लक्ष्मीव्रत करिता ॥ १ ॥ विश्वव्यापक जननी तुज ऐसी नाही । धावसी आम्हालागी पावसी लवलाही ॥ २॥ त्रैलोक्य धारिणी तू भक्ता लाभे सुखशांती । सर्व सर्वही दुःख सर्व

Saptashrungi Devichi Aarti
आरत्या

सप्तश्रृंगी माता आरती | Saptashrungi Devichi Aarti

सप्तश्रृंगी माता आरती | Saptashrungi Devichi Aarti जय देवी सप्तश्रृंगा अंबा गौतमी गंगा नटली ही । बहुरंगा उटी शेंदूर अंगा जय देवी सप्तश्रृंगा।। धृ ।। पूर्व मुख अंबे ध्यान जरा वाकडी मान मार्कडेय देई कान । सप्तशतीचे पान एके अंबा गिरि श्रृंगा, अंबा गौतमी गंगा जय देवी सप्तश्रृंगी। ।1।। माये तुझा बहु थाट देई सगुण

आरत्या

आरती  एकविरा आई | Ekveera Devichi Aarti

आरती  एकविरा आई | Ekveera Devichi Aarti आरती एकविरा आई देई मज वरा चरण मी तुज लागे देई दर्शन पामरा आरती एकविरा आई देई मज वरा आरती  एकविरा कार्ला घरी वास तुझा भक्त सह्याद्रीच्या पायी पूर्व दृष्टीने पाहून सांभाळी त्या लवलाही आरती एकविरा आई देई मज वरा आरती एकविरा चैत्राच्या शुद्ध पक्षी जेव्हा उत्सव तव

Shri Yogeshwari devi Arti
आरत्या

योगेश्वरी देवीची आरती | Shri Yogeshwari devi Arti

योगेश्वरी देवीची आरती | Shri Yogeshwari devi Arti धन्य अंबापूर महिमा विचित्र। पार्वती अवतार योगिनी क्षेत्र।। दंतासुरमर्दोनी केले चरित्र। सिध्दांचे स्थळ ते महापवित्र।। जय देवी जय देवी जय योगेश्वरी। महिमा न काळे तुझा वर्णिता थोरी।। जय देवी जय देवी…| पतित पावन सर्व तीर्थ महाद्वारी। माया मोचन सकळ माया निवारी।। साधका सिद्धीवाणेच्या तिरी। तेथील महिमा वर्णू

Scroll to Top